Pugalgarh Sugna Bai

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हमारी सुगना बाई के पूंगलगढ़ का दर्शन –

Pugalgarh Sugna Bai राजस्थान के बीकानेर जिले की एक तहसील हैं। पुंगल-गढ़ ऐतिहासिक महत्व रखता हैं। यह तहसील ढोला-मरू की लोक प्रेम कहानी, रानी पद्मावती की सुंदरता और लोक देवता बाबा रामदेवजी की बहन सुगना बाई के ससुराल के लिए प्रसिद्ध हैं।
बाबा ने आजीवन अलग-अलग लोगों को ढेरों पर्चे दिए जिनमें से सुगना बाई के ससुराल वालों को अपने विवाह के समय जो पर्चा दिया वह पर्चा उल्लेखनीय हैं। सुगना बाई को उनके ससुराल वालों द्वारा प्रताड़ित और मौखिक रूप से कोसा जाता था क्योंकि उनके भाई यानी बाबा रामदेवजी, एक राजपूत महाराजा होने के बाद भी छोट्टी जाति के लोगों की सेवा और मदद करते थे। तत्कालीन प्रचलित जाति व्यवस्था समाज के लिए एक खतरा थी और इसे मिटाने के लिए, बाबा ने लोगों के बीच एकता और समानता पैदा करने के लिए सभी जाति के लोगों को उपदेश दिया और उनकी सेवा की। लेकिन जब बाई के ससुराल वालों को बाबा के विवाह का निमंत्रण दिया गया तो उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया एवं सुगना बाई को अपने ही भाई के विवाह समारोह में भेजने से इंकार कर दिया था। बेबस सुगना बाई ने बाबा से प्रार्थना की कि वह उनकी मदद करे और उन्हें ससुराल वालों की प्रताड़ना से छुड़ाए जिसे बाबा ने सुना और उनके ससुराल वालों को पर्चा देकर उन्हें अच्छी सीख दी। इसके बाद समधियों को अपने कृत्य पर ग्लानि हुई और उन्होंने बाबा से क्षमा-याचना की तथा सुगना बाई को अपने भाई के विवाह में शामिल होने की अनुमति भी दे दी। तत्पश्चात निर्देश का पालन करते हुए, सुगना बाई अपने बेटे भानु के साथ बाबा के विवाह समारोह में शामिल होने के लिए रामदेवरा आ गईं। यह इतिहास का एक वास्तविक अंश है जो बाबा रामदेवजी महाराज को पूगल से जोड़ता है।

पूगल के सरपंच सिद्धार्थ सिंह भाटी – 

और जैसे ही हमें कस्बे में एक भजन संध्या कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया, हमें इस ऐतिहासिक स्थल पर जाने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ। पूगल के सरपंच सिद्धार्थ सिंह भाटी से मिलना हमारा सौभाग्य था जो पुंगलगढ़ के मालिक भी हैं। उन्होंने हमें शहर के गौरवान्वित अतीत के ज्ञान से अवगत कराया तथा यह भी बताया कि कैसे आर्थिक रूप से यह शहर महत्वपूर्ण रहा है एवं अतीत के समय में कैसे पूरे राजस्थान में पूगल के माध्यम से व्यापार किया जाता था। पूगल के गढ़ का जीर्णोद्धार हो रहा था जिसकी वजह से हम इसकी सुंदरता को कैद नहीं कर पाए लेकिन महल का दृश्य वास्तव में बहुत सुंदर हैं। पूरा शहर अपने समृद्ध इतिहास के साथ खिल रहा हैं। आप कभी रामदेवरा दर्शन के लिए आओ तो इस तहसील के भ्रमण पर जा सकते हैं और इस जगह के विषय में अधिक जान सकते हैं।

|| जय श्री रामदेवजी की ||

बाबा रामदेवजी के जीवन से जुडी कथाओ को जानने हेतु आप

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