baba rammdevji ka abhisek

बाबा रामदेवजी का अभिषेक

बाबा रामदेवजी का अभिषेक

भारत का हिन्दू धर्म सनातन धर्म हैं, जो कई वर्षों पुराना हैं। हिन्दू धर्म के लोग भगवान को अलग-अलग रूपों में पूजते हैं। इन सभी हिन्दू देवी-देवताओं की अलग-अलग प्रकार से पूजा-आराधना की जाती हैं, जिनमें सबसे प्रमुख होता हैं ‘अभिषेक’। अभिषेक किसी स्थान की अशुद्धि को दूर करने के लिए किया जाता हैं।

भारत में कई ऐसे मंदिर है जहाँ भगवान की पूजा अभिषेक करने के उपरांत प्रारम्भ होती हैं, जिनमें ‘बाबा रामदेवजी समाधि स्थल, रामदेवरा’ उल्लेखनीय हैं। बाबा रामदेवजी, राजस्थान के लोकदेवता हैं। उन्हें राजस्थान के साथ पुरे भारत में पूजा जाता हैं।

बाबा रामदेवजी का अभिषेक
बाबा रामदेवजी का अभिषेक

 

रानुजा , रामदेवरा का भादवा मेला

लोकदेवता बाबा रामदेवजी का प्रसिद्ध मंदिर राजस्थान राज्य के जैसलमेर जिले के पोकरण तहसील के रामदेवरा गांव में स्थित हैं। यहाँ प्रति वर्ष भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष के एकम से ग्यारस तक राजस्थान का सबसे लम्बा चलने वाला भादवा मेला लगता हैं, जिसे ‘राजस्थान का कुम्भ’ कहा जाता हैं। इस मेले में लाखों की संख्या में भक्तगण बाबा रामदेवजी के दरबार में माथा टेकने आते हैं।

बाबा रामदेवजी का अभिषेक क्यों किया जाता हैं ?

हिन्दू ग्रंथों के अनुसार अभिषेक किसी स्थान की अशुद्धि को दूर करने के लिए किया जाता हैं। अभिषेक किसी स्थान की अशुद्धि को दूर करता ही हैं, साथ ही इससे आस-पास भी स्वच्छता हो जाती हैं। जिसके कारण मंदिर परिसर में व्याप्त समस्त नकारात्मक ऊर्जा का नाश हो जाता हैं और सकारात्मक ऊर्जा का निवास हो जाता हैं। अभिषेक जिस स्थान पर किया जाता हैं वहाँ चारों ओर एक दिव्य ऊर्जा का संचार हो जाता हैं जो सबको एक विशेष शक्ति का आभास करवाता हैं।

रामदेवरा में बाबा रामदेवजी का  अभिषेक कब किया जाता हैं ?

अभिषेक करने के लिए एक निश्चित समय होता हैं। अभिषेक हमेशा किसी स्थान की शुद्धिकरण के लिए किया जाता हैं। किसी भी देवी-देवताओं का अभिषेक प्रातः काल मंदिर परिसर के कपाट खुलने के साथ ही किया जाता हैं। बाबा रामदेवजी का अभिषेक भी प्रातः काल करीबन ५:०० बजे मंदिर परिसर के कपाट खुलने के पश्चात किया जाता हैं।

अभिषेक किसके द्वारा किया जाता हैं ?

बाबा रामदेवजी का अभिषेक मुख्यतः रूप से रावसा के द्वारा किया जाता हैं तथा उपस्थित गुरूजनों द्वारा अभिषेक हेतु रावसा की मदद कि जाती हैं। परंतु कभी विशेष अवसरों पर रावसा के साथ आमंत्रित मंत्रीगण भी अभिषेक करते हैं।

बाबा रामदेवजी का अभिषेक कैसे किया जाता हैं ?

बाबा रामदेवजी की समाधि पर अभिषेक के लिए सर्वप्रथम समाधि को स्वच्छ जल से स्नान करवाया जाता हैं। उसके बाद दूध से समाधि को नहलाते हैं। फिर दही, घी, मधु, इत्र एवं गुलाब-जल समाधि पर लगाया जाता हैं। इसके बाद फिर से समाधि को दूध से नहलाया जाता हैं तथा बाद में गंगाजल से स्वच्छ कर इत्र से सुगंधित किया जाता हैं।

स्नान के बाद बाबा रामदेवजी के समाधि का श्रृंगार किया जाता हैं जो देखने योग्य होता हैं। श्रृंगार के लिए समाधि पर सोने अथवा चांदी का बर्क लगाया जाता हैं एवं चंदन व कुमकुम से तिलक किया जाता हैं। यह सब हो जाने के बाद, समाधि पर भक्तों द्वारा लाए हुए सामग्री को चढ़ाया जाता हैं। फिर समाधि के ऊपर विभिन्न प्रकार के चद्दर, बाबा को प्रिय कपड़े का घोड़ा एवं बाबा की ध्वजा चढ़ाई जाती हैं तथा पुष्पों का हार एवं माला इत्यादि पहनाया जाता हैं। श्रृंगार होने के बाद बाबा की आरती उतारी जाती हैं तथा उसके पश्चात बाबा को पंच मेवा का भोग लगाया जाता हैं। भोग लगाने के पश्चात भक्तों में प्रसाद स्वरूप भोग वितरण किया जाता हैं।

बाबा के अभिषेक के जल का क्या किया जाता हैं ?

बाबा रामदेवजी की समाधि पर अभिषेक के लिए उपयोग किये गए जल को अभिषेक के बाद भक्तों में बाबा के आशीर्वाद के रूप में वितरीत कर दिया जाता हैं। अभिषेक का जल बड़ी मात्रा में होने के कारण कुछ जल को समाधि स्थल पर एक पात्र में रखा जाता हैं ताकि सभी भक्तों को बाबा का आशीर्वाद रुपी जल मिल सके।

बाबा रामदेवजी के अभिषेक के जल को भक्त गण अमृत के समान मानते हैं। इस जल की तुलना गंगा के पवित्र जल से की जाती हैं। समाधि स्थल के निकट ही ‘रामसरोवर’ है जिसे बहुत पवित्र माना जाता हैं क्योंकि बाबा के अभिषेक का जल इसी में आकर मिलता हैं। लोगों का यह मानना भी हैं की रामसरोवर में स्नान करने से सभी भक्तों की मन्नते पूर्ण हो जाती हैं।

 

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